कविता का आधार...
अक्सर..
या कभी कभी..
आस पास
लिपटा हुआ भी...
प्यार ही होता
है...
उदास आंखें...
सहारा देती बाहें...
शक्सियत...
जुदाई मिलन...
खुद में एक
कविता है...
मैं आजतक
इन् सब के
बगैर..
जो भी लिखती
आई हूँ..
क्या वो
कविता
नहीं हैं?????
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2 comments:
this is 1 of d most beautiful poems
of urs.....kitnee simple par kitnee khoobsurat..:)
SACHII..MUJHE LAGAA BAS AISEHI KUCHH B LIKH DIYA MAINE....
DHANYAWAAD
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